अध्याय 22
शब्द-ज्ञान
1.पर्यायवाची शब्द-
किसी शब्द-विशेष के लिए प्रयुक्त समानार्थक शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते हैं। यद्यपि पर्यायवाची शब्द समानार्थी होते हैं किन्तु भाव में एक-दूसरे से किंचित भिन्न होते हैं।1.अमृत- सुधा, सोम, पीयूष, अमिय।2.असुर- राक्षस, दैत्य, दानव, निशाचर।3.अग्नि- आग, अनल, पावक, वह्नि।4.अश्व- घोड़ा, हय, तुरंग, बाजी।5.आकाश- गगन, नभ, आसमान, व्योम, अंबर।6.आँख- नेत्र, दृग, नयन, लोचन।7.इच्छा- आकांक्षा, चाह, अभिलाषा, कामना।8.इंद्र- सुरेश, देवेंद्र, देवराज, पुरंदर।9.ईश्वर- प्रभु, परमेश्वर, भगवान, परमात्मा।10.कमल- जलज, पंकज, सरोज, राजीव, अरविन्द।11.गरमी- ग्रीष्म, ताप, निदाघ, ऊष्मा।12.गृह- घर, निकेतन, भवन, आलय।13.गंगा- सुरसरि, त्रिपथगा, देवनदी, जाह्नवी, भागीरथी।14.चंद्र- चाँद, चंद्रमा, विधु, शशि, राकेश।15.जल- वारि, पानी, नीर, सलिल, तोय।16.नदी- सरिता, तटिनी, तरंगिणी, निर्झरिणी।17.पवन- वायु, समीर, हवा, अनिल।18.पत्नी- भार्या, दारा, अर्धागिनी, वामा।19.पुत्र- बेटा, सुत, तनय, आत्मज।20.पुत्री-बेटी, सुता, तनया, आत्मजा।21.पृथ्वी- धरा, मही, धरती, वसुधा, भूमि, वसुंधरा।22.पर्वत- शैल, नग, भूधर, पहाड़।23.बिजली- चपला, चंचला, दामिनी, सौदामनी।24.मेघ- बादल, जलधर, पयोद, पयोधर, घन।25.राजा- नृप, नृपति, भूपति, नरपति।26.रजनी- रात्रि, निशा, यामिनी, विभावरी।27.सर्प- सांप, अहि, भुजंग, विषधर।28.सागर- समुद्र, उदधि, जलधि, वारिधि।29.सिंह- शेर, वनराज, शार्दूल, मृगराज।30.सूर्य- रवि, दिनकर, सूरज, भास्कर।31.स्त्री- ललना, नारी, कामिनी, रमणी, महिला।32.शिक्षक- गुरु, अध्यापक, आचार्य, उपाध्याय।33.हाथी- कुंजर, गज, द्विप, करी, हस्ती।
2.अनेक शब्दों के लिए एक शब्द-
1
जिसे देखकर डर (भय) लगे
डरावना, भयानक
2
जो स्थिर रहे
स्थावर
3
ज्ञान देने वाली
ज्ञानदा
4
भूत-वर्तमान-भविष्य को देखने (जानने) वाले
त्रिकालदर्शी
5
जानने की इच्छा रखने वाला
जिज्ञासु
6
जिसे क्षमा न किया जा सके
अक्षम्य
7
पंद्रह दिन में एक बार होने वाला
पाक्षिक
8
अच्छे चरित्र वाला
सच्चरित्र
9
आज्ञा का पालन करने वाला
आज्ञाकारी
10
रोगी की चिकित्सा करने वाला
चिकित्सक
11
सत्य बोलने वाला
सत्यवादी
12
दूसरों पर उपकार करने वाला
उपकारी
13
जिसे कभी बुढ़ापा न आये
अजर
14
दया करने वाला
दयालु
15
जिसका आकार न हो
निराकार
16
जो आँखों के सामने हो
प्रत्यक्ष
17
जहाँ पहुँचा न जा सके
अगम, अगम्य
18
जिसे बहुत कम ज्ञान हो, थोड़ा जानने वाला
अल्पज्ञ
19
मास में एक बार आने वाला
मासिक
20
जिसके कोई संतान न हो
निस्संतान
21
जो कभी न मरे
अमर
22
जिसका आचरण अच्छा न हो
दुराचारी
23
जिसका कोई मूल्य न हो
अमूल्य
24
जो वन में घूमता हो
वनचर
25
जो इस लोक से बाहर की बात हो
अलौकिक
26
जो इस लोक की बात हो
लौकिक
27
जिसके नीचे रेखा हो
रेखांकित
28
जिसका संबंध पश्चिम से हो
पाश्चात्य
29
जो स्थिर रहे
स्थावर
30
दुखांत नाटक
त्रासदी
31
जो क्षमा करने के योग्य हो
क्षम्य
32
हिंसा करने वाला
हिंसक
33
हित चाहने वाला
हितैषी
34
हाथ से लिखा हुआ
हस्तलिखित
35
सब कुछ जानने वाला
सर्वज्ञ
36
जो स्वयं पैदा हुआ हो
स्वयंभू
37
जो शरण में आया हो
शरणागत
38
जिसका वर्णन न किया जा सके
वर्णनातीत
39
फल-फूल खाने वाला
शाकाहारी
40
जिसकी पत्नी मर गई हो
विधुर
41
जिसका पति मर गया हो
विधवा
42
सौतेली माँ
विमाता
43
व्याकरण जाननेवाला
वैयाकरण
44
रचना करने वाला
रचयिता
45
खून से रँगा हुआ
रक्तरंजित
46
अत्यंत सुन्दर स्त्री
रूपसी
47
कीर्तिमान पुरुष
यशस्वी
48
कम खर्च करने वाला
मितव्ययी
49
मछली की तरह आँखों वाली
मीनाक्षी
50
मयूर की तरह आँखों वाली
मयूराक्षी
51
बच्चों के लिए काम की वस्तु
बालोपयोगी
52
जिसकी बहुत अधिक चर्चा हो
बहुचर्चित
53
जिस स्त्री के कभी संतान न हुई हो
वंध्या (बाँझ)
54
फेन से भरा हुआ
फेनिल
55
प्रिय बोलने वाली स्त्री
प्रियंवदा
56
जिसकी उपमा न हो
निरुपम
57
जो थोड़ी देर पहले पैदा हुआ हो
नवजात
58
जिसका कोई आधार न हो
निराधार
59
नगर में वास करने वाला
नागरिक
60
रात में घूमने वाला
निशाचर
61
ईश्वर पर विश्वास न रखने वाला
नास्तिक
62
मांस न खाने वाला
निरामिष
63
बिलकुल बरबाद हो गया हो
ध्वस्त
64
जिसकी धर्म में निष्ठा हो
धर्मनिष्ठ
65
देखने योग्य
दर्शनीय
66
बहुत तेज चलने वाला
द्रुतगामी
67
जो किसी पक्ष में न हो
तटस्थ
68
तत्त्त्तव को जानने वाला
तत्त्त्तवज्ञ
69
तप करने वाला
तपस्वी
70
जो जन्म से अंधा हो
जन्मांध
71
जिसने इंद्रियों को जीत लिया हो
जितेंद्रिय
72
चिंता में डूबा हुआ
चिंतित
73
जो बहुत समय कर ठहरे
चिरस्थायी
74
जिसकी चार भुजाएँ हों
चतुर्भुज
75
हाथ में चक्र धारण करनेवाला
चक्रपाणि
76
जिससे घृणा की जाए
घृणित
77
जिसे गुप्त रखा जाए
गोपनीय
78
गणित का ज्ञाता
गणितज्ञ
79
आकाश को चूमने वाला
गगनचुंबी
80
जो टुकड़े-टुकड़े हो गया हो
खंडित
818
आकाश में उड़ने वाला
नभचर
82
तेज बुद्धिवाला
कुशाग्रबुद्धि
83
कल्पना से परे हो
कल्पनातीत
84
जो उपकार मानता है
कृतज्ञ
85
किसी की हँसी उड़ाना
उपहास
86
ऊपर कहा हुआ
उपर्युक्त
87
ऊपर लिखा गया
उपरिलिखित
88
जिस पर उपकार किया गया हो
उपकृत
89
इतिहास का ज्ञाता
अतिहासज्ञ
90
आलोचना करने वाला
आलोचक
91
ईश्वर में आस्था रखने वाला
आस्तिक
92
बिना वेतन का
अवैतनिक
93
जो कहा न जा सके
अकथनीय
94
जो गिना न जा सके
अगणित
95
जिसका कोई शत्रु ही न जन्मा हो
अजातशत्रु
96
जिसके समान कोई दूसरा न हो
अद्वितीय
97
जो परिचित न हो
अपरिचित
98
जिसकी कोई उपमा न हो
अनुपम3.विपरीतार्थक (विलोम शब्द)
शब्द
विलोम
शब्द
विलोम
शब्द
विलोम
अथ
इति
आविर्भाव
तिरोभाव
आकर्षण
विकर्षण
आमिष
निरामिष
अभिज्ञ
अनभिज्ञ
आजादी
गुलामी
अनुकूल
प्रतिकूल
आर्द्र
शुष्क
अनुराग
विराग
आहार
निराहार
अल्प
अधिक
अनिवार्य
वैकल्पिक
अमृत
विष
अगम
सुगम
अभिमान
नम्रता
आकाश
पाताल
आशा
निराशा
अर्थ
अनर्थ
अल्पायु
दीर्घायु
अनुग्रह
विग्रह
अपमान
सम्मान
आश्रित
निराश्रित
अंधकार
प्रकाश
अनुज
अग्रज
अरुचि
रुचि
आदि
अंत
आदान
प्रदान
आरंभ
अंत
आय
व्यय
अर्वाचीन
प्राचीन
अवनति
उन्नति
कटु
मधुर
अवनी
अंबर
क्रिया
प्रतिक्रिया
कृतज्ञ
कृतघ्न
आदर
अनादर
कड़वा
मीठा
आलोक
अंधकार
क्रुद्ध
शान्त
उदय
अस्त
क्रय
विक्रय
आयात
निर्यात
कर्म
निष्कर्म
अनुपस्थित
उपस्थित
खिलना
मुरझाना
आलस्य
स्फूर्ति
खुशी
दुख, गम
आर्य
अनार्य
गहरा
उथला
अतिवृष्टि
अनावृष्टि
गुरु
लघु
आदि
अनादि
जीवन
मरण
इच्छा
अनिच्छा
गुण
दोष
इष्ट
अनिष्ट
गरीब
अमीर
इच्छित
अनिच्छित
घर
बाहर
इहलोक
परलोक
चर
अचर
उपकार
अपकार
छूत
अछूत
उदार
अनुदार
जल
थल
उत्तीर्ण
अनुत्तीर्ण
जड़
चेतन
उधार
नकद
जीवन
मरण
उत्थान
पतन
जंगम
स्थावर
उत्कर्ष
अपकर्ष
उत्तर
दक्षिण
जटिल
सरस
गुप्त
प्रकट
एक
अनेक
तुच्छ
महान
ऐसा
वैसा
दिन
रात
देव
दानव
दुराचारी
सदाचारी
मानवता
दानवता
धर्म
अधर्म
महात्मा
दुरात्मा
धीर
अधीर
मान
अपमान
धूप
छाँव
मित्र
शत्रु
नूतन
पुरातन
मधुर
कटु
नकली
असली
मिथ्या
सत्य
निर्माण
विनाश
मौखिक
लिखित
आस्तिक
नास्तिक
मोक्ष
बंधन
निकट
दूर
रक्षक
भक्षक
निंदा
स्तुति
पतिव्रता
कुलटा
राजा
रंक
पाप
पुण्य
राग
द्वेष
प्रलय
सृष्टि
रात्रि
दिवस
पवित्र
अपवित्र
लाभ
हानि
विधवा
सधवा
प्रेम
घृणा
विजय
पराजय
प्रश्न
उत्तर
पूर्ण
अपूर्ण
वसंत
पतझर
परतंत्र
स्वतंत्र
विरोध
समर्थन
बाढ़
सूखा
शूर
कायर
बंधन
मुक्ति
शयन
जागरण
बुराई
भलाई
शीत
उष्ण
भाव
अभाव
स्वर्ग
नरक
मंगल
अमंगल
सौभाग्य
दुर्भाग्य
स्वीकृत
अस्वीकृत
शुक्ल
कृष्ण
हित
अहित
साक्षर
निरक्षर
स्वदेश
विदेश
हर्ष
शोक
हिंसा
अहिंसा
स्वाधीन
पराधीन
क्षणिक
शाश्वत
साधु
असाधु
ज्ञान
अज्ञान
सुजन
दुर्जन
शुभ
अशुभ
सुपुत्र
कुपुत्र
सुमति
कुमति
सरस
नीरस
सच
झूठ
साकार
निराकार
श्रम
विश्राम
स्तुति
निंदा
विशुद्ध
दूषित
सजीव
निर्जीव
विषम
सम
सुर
असुर
विद्वान
मूर्ख
4.एकार्थक प्रतीत होने वाले शब्द-
1.अस्त्र- जो हथियार हाथ से फेंककर चलाया जाए। जैसे-बाण।शस्त्र- जो हथियार हाथ में पकड़े-पकड़े चलाया जाए। जैसे-कृपाण।2.अलौकिक- जो इस जगत में कठिनाई से प्राप्त हो। लोकोत्तर।अस्वाभाविक- जो मानव स्वभाव के विपरीत हो।असाधारण- सांसारिक होकर भी अधिकता से न मिले। विशेष।3. अमूल्य- जो चीज मूल्य देकर भी प्राप्त न हो सके।बहुमूल्य- जिस चीज का बहुत मूल्य देना पड़ा।4. आनंद- खुशी का स्थायी और गंभीर भाव।आह्लाद- क्षणिक एवं तीव्र आनंद।उल्लास- सुख-प्राप्ति की अल्पकालिक क्रिया, उमंग।प्रसन्नता-साधारण आनंद का भाव।5.ईर्ष्या- दूसरे की उन्नति को सहन न कर सकना।डाह-ईर्ष्यायुक्त जलन।द्वेष- शत्रुता का भाव।स्पर्धा- दूसरों की उन्नति देखकर स्वयं उन्नति करने का प्रयास करना।6.अपराध- सामाजिक एवं सरकारी कानून का उल्लंघन।पाप- नैतिक एवं धार्मिक नियमों को तोड़ना।7.अनुनय-किसी बात पर सहमत होने की प्रार्थना।विनय- अनुशासन एवं शिष्टतापूर्ण निवेदन।आवेदन-योग्यतानुसार किसी पद के लिए कथन द्वारा प्रस्तुत होना।प्रार्थना- किसी कार्य-सिद्धि के लिए विनम्रतापूर्ण कथन।8.आज्ञा-बड़ों का छोटों को कुछ करने के लिए आदेश।अनुमति-प्रार्थना करने पर बड़ों द्वारा दी गई सहमति।9.इच्छा- किसी वस्तु को चाहना।उत्कंठा- प्रतीक्षायुक्त प्राप्ति की तीव्र इच्छा।आशा-प्राप्ति की संभावना के साथ इच्छा का समन्वय।स्पृहा-उत्कृष्ट इच्छा।10.सुंदर- आकर्षक वस्तु।चारु- पवित्र और सुंदर वस्तु।रुचिर-सुरुचि जागृत करने वाली सुंदर वस्तु।मनोहर- मन को लुभाने वाली वस्तु।11.मित्र- समवयस्क, जो अपने प्रति प्यार रखता हो।सखा-साथ रहने वाला समवयस्क।सगा-आत्मीयता रखने वाला।सुह्रदय-सुंदर ह्रदय वाला, जिसका व्यवहार अच्छा हो।12.अंतःकरण- मन, चित्त, बुद्धि, और अहंकार की समष्टि।चित्त- स्मृति, विस्मृति, स्वप्न आदि गुणधारी चित्त।मन- सुख-दुख की अनुभूति करने वाला।13.महिला- कुलीन घराने की स्त्री।पत्नी- अपनी विवाहित स्त्री।स्त्री- नारी जाति की बोधक।14.नमस्ते- समान अवस्था वालो को अभिवादन।नमस्कार- समान अवस्था वालों को अभिवादन।प्रणाम- अपने से बड़ों को अभिवादन।अभिवादन- सम्माननीय व्यक्ति को हाथ जोड़ना।15.अनुज- छोटा भाई।अग्रज- बड़ा भाई।भाई- छोटे-बड़े दोनों के लिए।16.स्वागत- किसी के आगमन पर सम्मान।अभिनंदन- अपने से बड़ों का विधिवत सम्मान।17.अहंकार- अपने गुणों पर घमंड करना।अभिमान- अपने को बड़ा और दूसरे को छोटा समझना।दंभ- अयोग्य होते हुए भी अभिमान करना।18.मंत्रणा- गोपनीय रूप से परामर्श करना।परामर्श- पूर्णतया किसी विषय पर विचार-विमर्श कर मत प्रकट करना।
5.समोच्चरित शब्द-
1. अनल=आग अनिल=हवा, वायु2.उपकार=भलाई, भला करनाअपकार=बुराई, बुरा करना3.अन्न=अनाज अन्य=दूसरा4.अणु=कण अनु=पश्चात 5.ओर=तरफऔर=तथा6.असित=काला अशित=खाया हुआ 7.अपेक्षा=तुलना में उपेक्षा=निरादर, लापरवाही 8.कल=सुंदर, पुरजाकाल=समय9.अंदर=भीतर अंतर=भेद 10.अंक=गोद अंग=देह का भाग 11.कुल=वंशकूल=किनारा12.अश्व=घोड़ा अश्म=पत्थर 13.अलि=भ्रमरआली=सखी 14.कृमि=कीटकृषि=खेती15.अपचार=अपराध उपचार=इलाज 16.अन्याय=गैर-इंसाफी अन्यान्य=दूसरे-दूसरे 17.कृति=रचनाकृती=निपुण, परिश्रमी18.आमरण=मृत्युपर्यंत आभरण=गहना 19.अवसान=अंत आसान=सरल 20.कलि=कलियुग, झगड़ाकली=अधखिला फूल21.इतर=दूसरा इत्र=सुगंधित द्रव्य 22.क्रम=सिलसिला कर्म=काम 23.परुष=कठोरपुरुष=आदमी24.कुट=घर,किला कूट=पर्वत 25.कुच=स्तन कूच=प्रस्थान 26.प्रसाद=कृपाप्रासादा=महल27.कुजन=दुर्जन कूजन=पक्षियों का कलरव 28.गत=बीता हुआ गति=चाल 29.पानी=जलपाणि=हाथ30.गुर=उपाय गुरु=शिक्षक, भारी 31.ग्रह=सूर्य,चंद्र गृह=घर 32.प्रकार=तरहप्राकार=किला, घेरा33.चरण=पैर चारण=भाट 34.चिर=पुरानाचीर=वस्त्र 35.फन=साँप का फनफ़न=कला36.छत्र=छाया क्षत्र=क्षत्रिय,शक्ति 37.ढीठ=दुष्ट,जिद्दीडीठ=दृष्टि 38.बदन=देहवदन=मुख30.तरणि=सूर्य तरणी=नौका 40.तरंग=लहर तुरंग=घोड़ा 41.भवन=घरभुवन=संसार42.तप्त=गरम तृप्त=संतुष्ट 43.दिन=दिवस दीन=दरिद्र 44.भीति=भयभित्ति=दीवार45.दशा=हालत दिशा=तरफ़ 46.द्रव=तरल पदारअथ द्रव्य=धन 47.भाषण=व्याख्यानभीषण=भयंकर48.धरा=पृथ्वी धारा=प्रवाह 49.नय=नीति नव=नया 55.भरण=भरनाभ्रमण=घूमना50.निर्वाण=मोक्ष निर्माण=बनाना 51.निर्जर=देवता निर्झर=झरना 52.मत=रायमति=बुद्धि53.नेक=अच्छा नेकु=तनिक 54.पथ=राह पथ्य=रोगी का आहार 55.मद=मस्तीमद्य=मदिरा56.परिणाम=फल परिमाण=वजन 57.मणि=रत्न फणी=सर्प 58.मलिन=मैलाम्लान=मुरझाया हुआ59.मातृ=मातामात्र=केवल 60.रीति=तरीका रीता=खाली 61.राज=शासनराज=रहस्य62.ललित=सुंदर ललिता=गोपी 63.लक्ष्य=उद्देश्य लक्ष=लाख 64.वक्ष=छातीवृक्ष=पेड़65.वसन=वस्त्र व्यसन=नशा, आदत 66.वासना=कुत्सित विचार बास=गंध 67.वस्तु=चीजवास्तु=मकान68.विजन=सुनसान व्यजन=पंखा 60.शंकर=शिव संकर=मिश्रित 70.हिय=ह्रदयहय=घोड़ा71.शर=बाण सर=तालाब 72.शम=संयम सम=बराबर 73.चक्रवाक=चकवाचक्रवात=बवंडर74.शूर=वीर सूर=अंधा 75.सुधि=स्मरण सुधी=बुद्धिमान 76.अभेद=अंतर नहींअभेद्य=न टूटने योग्य77.संघ=समुदाय संग=साथ 78.सर्ग=अध्याय स्वर्ग=एक लोक 79.प्रणय=प्रेमपरिणय=विवाह80.समर्थ=सक्षम सामर्थ्य=शक्ति 81.कटिबंध=कमरबंधकटिबद्ध=तैयार 82.क्रांति=विद्रोहक्लांति=थकावट83.इंदिरा=लक्ष्मी इंद्रा=इंद्राणी
6.अनेकार्थक शब्द-
1.अक्षर= नष्ट न होने वाला, वर्ण, ईश्वर, शिव।2.अर्थ= धन, ऐश्वर्य, प्रयोजन, हेतु।3.आराम= बाग, विश्राम, रोग का दूर होना।4.कर= हाथ, किरण, टैक्स, हाथी की सूँड़।5.काल= समय, मृत्यु, यमराज।6.काम= कार्य, पेशा, धंधा, वासना, कामदेव।7.गुण= कौशल, शील, रस्सी, स्वभाव, धनुष की डोरी।8.घन= बादल, भारी, हथौड़ा, घना।9.जलज= कमल, मोती, मछली, चंद्रमा, शंख।10.तात= पिता, भाई, बड़ा, पूज्य, प्यारा, मित्र।11.दल= समूह, सेना, पत्ता, हिस्सा, पक्ष, भाग, चिड़ी।12.नग= पर्वत, वृक्ष, नगीना।13.पयोधर= बादल, स्तन, पर्वत, गन्ना।14.फल= लाभ, मेवा, नतीजा, भाले की नोक।15.बाल= बालक, केश, बाला, दानेयुक्त डंठल।16.मधु= शहद, मदिरा, चैत मास, एक दैत्य, वसंत।17.राग= प्रेम, लाल रंग, संगीत की ध्वनि।18.राशि= समूह, मेष, कर्क, वृश्चिक आदि राशियाँ।19.लक्ष्य= निशान, उद्देश्य।20.वर्ण= अक्षर, रंग, ब्राह्मण आदि जातियाँ।21.सारंग= मोर, सर्प, मेघ, हिरन, पपीहा, राजहंस, हाथी, कोयल, कामदेव, सिह, धनुष भौंरा, मधुमक्खी, कमल।22.सर= अमृत, दूध, पानी, गंगा, मधु, पृथ्वी, तालाब।23.क्षेत्र= देह, खेत, तीर्थ, सदाव्रत बाँटने का स्थान।24.शिव= भाग्यशाली, महादेव, श्रृगाल, देव, मंगल।25.हरि= हाथी, विष्णु, इंद्र, पहाड़, सिंह, घोड़ा, सर्प, वानर, मेढक, यमराज, ब्रह्मा, शिव, कोयल, किरण, हंस।
7.पशु-पक्षियों की बोलियाँ-
पशु
बोली
पशु
बोली
पशु
बोली
ऊँट
बलबलाना
कोयल
कूकना
गाय
रँभाना
चिडिया
चहचहाना
भैंस डकराना (रँभाना)
पपीहा
बकरी
मिमियाना
मोर
कुहकना
घोड़ा
हिनहिनाना
तोता
टैं-टैं करना
हाथी
चिघाड़ना
कौआ
काँव-काँव करना
साँप
फुफकारना
शेर
दहाड़ना
सारस
क्रें-क्रें करना
टिटहरी
टीं-टीं करना
कुत्ता
भौंकना
मक्खी
भिनभिनाना
8.कुछ जड़ पदार्थों की विशेष ध्वनियाँ या क्रियाएँ
जिह्वा
लपलपाना
दाँत
किटकिटाना
ह्रदय
धड़कना
पैर
पटकना
अश्रु
छलछलाना
घड़ी
टिक-टिक करना
पंख
फड़फड़ाना
तारे
जगमगाना
नौका
डगमगाना
मेघ
गरजना
9.कुछ सामान्य अशुद्धियाँ-
अशुद्ध
शुद्ध
अशुद्ध
शुद्ध
अशुद्ध
शुद्ध
अशुद्ध
शुद्ध
अगामी
आगामी
लिखायी
लिखाई
सप्ताहिक
साप्ताहिक
अलोकिक
अलौकिक
संसारिक
सांसारिक
क्यूँ
क्यों
आधीन
अधीन
हस्ताक्षेप
हस्तक्षेप
व्योहार
व्यवहार
बरात
बारात
उपन्यासिक
औपन्यासिक
क्षत्रीय
क्षत्रिय
दुनियां
दुनिया
तिथी
तिथि
कालीदास
कालिदास
पूरती
पूर्ति
अतिथी
अतिथि
नीती
नीति
गृहणी
गृहिणी
परिस्थित
परिस्थिति
आर्शिवाद
आशीर्वाद
निरिक्षण
निरीक्षण
बिमारी
बीमारी
पत्नि
पत्नी
शताब्दि
शताब्दी
लड़ायी
लड़ाई
स्थाई
स्थायी
श्रीमति
श्रीमती
सामिग्री
सामग्री
वापिस
वापस
प्रदर्शिनी
प्रदर्शनी
ऊत्थान
उत्थान
दुसरा
दूसरा
साधू
साधु
रेणू
रेणु
नुपुर
नूपुर
अनुदित
अनूदित
जादु
जादू
बृज
ब्रज
प्रथक
पृथक
इतिहासिक
ऐतिहासिक
दाइत्व
दायित्व
सेनिक
सैनिक
सैना
सेना
घबड़ाना
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Tuesday, November 18, 2008
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7 comments:
बहुत अच्छी और ढेर सारी जानकारी के लिये धन्यवाद्… ब्लॉग की दुनिया में आपका हार्दिक स्वागत है। शुभकामनायें…
वाह वाह आपने हिन्दी का सारा ग्यान एक ही बार में उड़ेल दिया। आभार।
बहुत अच्छा और मेहनत भरा प्रयास है आपका. बधाई और स्वागत.
behad moolyawaan blog; thanks.ब्लोगिंग जगत में आपका स्वागत है. खूब लिखें, खूब पढ़ें, स्वच्छ समाज का रूप धरें, बुराई को मिटायें, अच्छाई जगत को सिखाएं...खूब लिखें-लिखायें...
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आप मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रित हैं.
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अमित के. सागर
इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका हिन्दी चिटठा जगत में स्वागत है। आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को मजबूत बनाएंगे। हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
itna bada khajana pakar maja aa gya. narayan narayan
bahut accha prayas
चिट्ठा जगत में आपका स्वागत है ।
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है ।
लिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल,शेर आदि के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पारिवारिक पत्रिका भी देखें
www.zindagilive.blogspot.com
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